शरीर अन्दर के आत्मा का वस्त्र है | वस्त्र को उसके पहनने वाले से अधिक प्यार मत करो |*
*🌻 जब तक दुःख होता है तब तक समझ लो कि किसी-न-किसी प्रकार की अहं की पकड़ है । प्रकृति में घटने वाली घटनाओं में यदि तुम्हारी पूर्ण सम्मति नहीं होगी तो वे घटनाएँ तुम्हें परेशान कर देंगी । ईश्वर की हाँ में हाँ नहीं मिलाओ तब तक अवश्य परेशान होगे। अहं की धारणा को चोट लगेगी । दुःख और संघर्ष आयेंगे ही ।*
*🌻सदगुरु के सच्चे शिष्य तो मौत को भी भगवान की लीला समझते हैं।*