गर्व ना कर मानवा पद और संपत्ती का,
गर्व कर तू तेरे अच्छे कर्म का
जिस हवा मे तू आज तैर रहा है
वही हवा निकल जायेगी,
जब हवा निकल जायेगी
तब समाज तेरे जलके राख होणे तक प्रतिक्षा कारेगा
फिर तु तु करके फिर हवा मे निकल पडेगा
लीखाण:- रामवर्मा आसबे
संपादक:- नमोन्यूजनेशन्