सुषमना नाड़ी

-यह सुषमना नाड़ी सातों चक्रों और छटी  इंद्रिय का केंद्र मानी  जाती  है ।

-यही से सुषमना नाड़ी  सहस्त्रार चक्र से भी  जुड़ी है ।

-सहस्त्रार चक्र एक विशाल  चक्र है जो ब्रह्मांड से जुड़ा हुआ है ।

-सुषमना नाड़ी  के जागृत होने  से छठी इंद्रिय जागृत हो जाती  है ।

-भक्ति मार्ग  में प्राणायाम के अभ्यास से छटी  इंद्रिय को जागृत करते है ।

-परंतु हम जितना जितना ध्यान भ्रुकुटि में ज्योति पर लगाते  है उतना ही छठी इंद्रिय अपने आप जागृत होती जाती  है ।

-दोनों नाकों के बीचों बीच नाक के   एक इंच आगे अगर बिंदु पर ध्यान लगाते है तब भी छठी इंद्रिय जागृत होती रहती है ।

– मुख के अंदर तालू में जो छोटा सा छेद है वहां  बिंदु प्रकाश  को देखते रहे  तब भी छठी इंद्रिय जल्दी जागृत हो जाती  है ।

-कोई भी ध्यान या साधना या अच्छी चीजों पर एकाग्रता करते है  तो  उसके प्रभाव  से छठी इन्द्रिय  अनजाने में  जागृत होती रहती है ।

-एक साधारण  व्यक्ति भी अगर ऐसा अभ्यास करता रहे तो वह अपने कार्य व्यवहार और काम धंधे मेंं कभी असफल नहीं होगा क्योंकि उसकी बुद्वि का प्रत्येक निर्णय सही  होगा ।

-वह अपने क्षेत्र मेंं बुद्विवान बनेगा ।

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

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