रावण खुद को त्रिलोक विजेता कहता था..
और, खुद को तीनों लोकों का स्वामी समझता था.

उसका कहना था कि तीनों लोक में ऐसा कोई नहीं है जो उसका सामना कर सके.

जबकि, हकीकत ये है कि रावण महज लंका जैसे छोटे प्रदेश का राजा था.

और, वो राज्य भी उसने खुद के शौर्य से खड़ा नहीं किया था बल्कि भगवान शिव से दान में माँग कर लिया था…!

जबकि… त्रिलोक विजेता तो इतना था कि…
उससे महज कुछ दूरी पर ही किष्किंधा नरेश बाली ने कुपित होकर उसे अपने कांख में दबा कर छः महीने पर रखा था.

उसी तरह सहस्रबाहु ने भी उसे पटक पटक कर धोया था…

और, महज एक हजार किलोमीटर दूर स्थित अयोध्या और मिथिला आदि में तो लोग उसका नाम तक नहीं जानते थे..!

स्वर्ग में इंद्र का शासन था एवं पाताल में अहिरावण राज करता था…!

फिर कौन से तीनों लोक का विजेता और राजा था रावण ???

असल में था वो मच्छर…
लेकिन, स्वघोषित रूप से वो त्रिलोक विजेता और बहुत बलशाली था.

ठीक रावण जैसी ही हालात इन कटेशरों की भी है…!

इनका मानना है कि… पूरी दुनिया में इनके 56-57 देश हैं और पूरी दुनिया इनसे डरती है…!

कौन से 56-57 देश हैं बे ???

इजिप्ट, सोमालिया, सीरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और अफगानिस्तान टाइप के भूखे नंगे 56 देश ???

ये सच्चाई जानकर आपकी हँसी नहीं रुकेगी कि… इनके उन 56 देशों में ये पिद्दी पिग्गिस्तान सबसे अधिक पावरफुल देश है.

इसी से आप समझ सकते हैं कि… जब उनके सबसे शक्तिशाली देश की ऐसी हालत है कि कटोरा लेकर भीख मांगता रहता है तो बाकियों की स्थिति क्या होगी.

अरब-फरब पेट्रोल बेचकर थोड़ा बहुत कमा खा रहे हैं लेकिन जिस रफ्तार से EV गाड़ियों का चलन बढ़ रहा है उससे आने वाले 20 साल में वो अरब-फरब भी कटोरा लेकर पिग्गिस्तान के पीछे लाइन में खड़े नजर आएँगे.

रही बात … पूरी दुनिया की डरने की.. तो..

हम तो उन्हें घर में घुस के मारते ही हैं..

हमारे त्रिपुरा और मणिपुर जितना छोटा सा देश इजराइल भी अकेले ही 5-6 कटेशर देशों को बाँस किये रहता है.

अमेरिका वगैरह तो इन्हें … नंगा करके तलाशी लेता है.

आस्ट्रेलिया गान पर लात मार के ही बात करता है..

जापान तो इन्हें नागरिकता देता ही नहीं है.

मियाँ मार (म्यंमार) ने तो इन्हें ऐसा कूटा कि इन्हें जान बचाकर भागने में ही भलाई नजर आई.

श्रीलंका की भी वही हालात है.

चीन तो बाकायदा इन्हें डिटेंशन कैम्पों में रखता है और अपने सैनिक को भेजकर मुलियाँ से बच्चे पैदा करवाता है.

तो.. कौन सी दुनिया डरती है इससे ???

ये सब बस वैसा ही भोकाल है जैसा कि रावण दिया करता था.

असल में इनकी असली ताकत हमारी सहनशीलता और युद्ध को अवॉयड करने की आदत है..!

जिस दिन हमने अपनी ये आदत थोड़ी सी भी बदल ली… उसी दिन इनका भोकाल और दीन के प्रति समर्पण वैसे ही गायब हो जाएगा जैसे कि गधे के सिर से सींग.

रही बात इनके उम्मत अर्थात पिस्लामी भाई-चारे की तो चीन, अमेरिका, मियांमार, श्रीलंका, ईरान, तुर्की आदि में इनका उम्मत नंगा हो चुका है.

इसीलिए, इन सब बेसिर पैर की बात करना ही मूर्खता है.

इजराइल, मियांमार, श्रीलंका, अमेरिका, चीन, अफगानिस्तान, इराक आदि की घटनाओं से ये स्पष्ट हो चुका है जब लतियाये जाएंगे तो इनका सारा उम्मत गान में घुस जायेगा और कोई बाप बचाने नहीं आएगा..!
जैसे कि चीन में कोई नहीं जा रहा है.

क्योंकि, उम्मत फुम्मत सब भोकाल है.

इसीलिए, इन्हें बिंदास बांस किये जाने की जरूरत है.
क्योंकि, मरना और मरवाना ही उनकी नियति है.

जय महाकाल…!!!

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

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