आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 11 दिसम्बर 2023
दिन – सोमवार
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅मास – मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – त्रयोदशी सुबह 07:10 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (12 दिसम्बर प्रातः 06:24 तक)*
*⛅नक्षत्र – विशाखा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग – सुकर्मा रात्रि 08:59 तक तत्पश्चात धृति*
*⛅राहु काल – सुबह 08:31 से 09:51 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:10*
*⛅सूर्यास्त – 05:55*
*⛅दिशा शूल – पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:24 से 06:17 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:07 से 01:00 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि*
*⛅विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🌹मासिक शिवरात्रि : 11 दिसम्बर 2023*🌹

*🌹जिस तिथि का जो स्वामी हो उस तिथि में उसकी आराधना-उपासना करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी भगवान शिव है । अतः उनकी रात्रि में किया जानेवाला यह व्रत ‘शिवरात्रि’ कहलाता है । प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।*

*🌹कर्ज मुक्ति हेतु -*

*🌹हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी…*

🌹1) *ॐ शिवाय नमः*
🌹2) *ॐ सर्वात्मने नमः*
🌹3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः*
🌹4) *ॐ हराय नमः*
🌹5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः*
🌹6) *ॐ श्रीकंठाय नमः*
🌹7) *ॐ सद्योजाताय नमः*
🌹8) *ॐ वामदेवाय नमः*
🌹9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:*
🌹10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः*
🌹11) *ॐ ईशानाय नमः*
🌹12) *ॐ अनंतधर्माय नमः*
🌹13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः*
🌹14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः*
🌹15) *ॐ प्रधानाय नमः*
🌹16) *ॐ व्योमात्मने नमः*
🌹17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:*

*🔹धन-सम्पदा प्रदायक व मनोकामना पूर्ण करनेवाले पूजनीय वृक्ष*

*🔸यदि आर्थिक सम्पन्नता चाहते हैं तो नित्य पीपल के वृक्ष में ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का उच्चारण करते हुए जल अवश्य दें और कम-से-कम ७ बार परिक्रमा करें । (रविवार को पीपल के स्पर्श से बचें ।)*

*🔸पद्म पुराण में वेदव्यासजी ने कहा है : ‘पीपल का वृक्ष अत्यंत पूजनीय माना गया है । पीपल को रोपने, रक्षा करने, छूने तथा पूजन से वह क्रमशः धन, पुत्र, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करता है ।’*

*🔸 स्कंद पुराण में आता है : ‘आँवला भगवान को परम प्रिय एवं सब पापों का नाश करनेवाला है अतः समस्त कामनाओं की सिद्धि के लिए आँवले के वृक्ष का पूजन करना उचित है । लक्ष्मीप्राप्ति की इच्छा रखनेवाला मनुष्य नवमी, अमावस्या, सप्तमी, संक्रांति के दिन, रविवार, चन्द्रग्रहण तथा सूर्यग्रहण को छोड़कर सदा आँवलों से स्नान करे, विशेषतः एकादशी को आँवले से स्नान करने पर भगवान संतुष्ट होते हैं ।’*

*🔸शास्त्रों के अनुसार वटवृक्ष के दर्शन, स्पर्श, परिक्रमा तथा सेवा से पाप दूर होते हैं । संत श्री आशारामजी आश्रम की विभिन्न शाखाओं में पूज्य बापूजी द्वारा शक्तिपात किये हुए मनोकामना पूर्ण करनेवाले वटवृक्ष (बड़ बादशाह) हैं, जिनकी परिक्रमा करने तथा थोडी देर वहाँ शांत बैठने से असंख्य लोगों की मनोकामनाएँ पूर्ण हुई हैं । अपने नजदीकी आश्रम में जा के बड़ बादशाह की परिक्रमा प्रार्थना से आप लौकिक व आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।*

*🔸तुलसी उपनिषद् में आता है कि ‘तुलसी परिक्रमा करने से दरिद्रता का नाश करनेवाली तथा जड़ की मिट्टी लगाने से बड़े भारी पापों का विनाश कर देनेवाली है । तुलसी की जड़ में भगवान विष्णु तथा छाया में लक्ष्मीजी का निवास है ।’*

*🔸’जहाँ तुलसी की सुगंध लेकर हवा चलती है वहाँ की दसों दिशाएँ और चारों प्रकार के जीव पवित्र हो जाते हैं ।’ (पद्म पुराण, उत्तर खंड : २३.३३)*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

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