आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 06 दिसम्बर 2023
दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅मास – मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – नवमी 07 दिसम्बर प्रातः 03:04 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 07 दिसम्बर प्रातः 06:29 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग – प्रीति रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*⛅राहु काल – दोपहर 12:31 से 01:51 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:07*
*⛅सूर्यास्त – 05:54*
*⛅दिशा शूल – उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:21 से 06:14 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:04 से 12:57 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी कहाँ से चली जाती है ?🔹*
*🌹भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है, उसके घर से साध्वी लक्ष्मी चली जाती है ।*
*🌹जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग का स्पर्श करता हैं * और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है, उससे रुष्ट होकर लक्ष्मी उसके घर से चली जाती है ।*
*🌹जो व्रत-उपवास नहीं करता, संध्या – वंदन नहीं करता, सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती है ।’ ( श्रीमद देवी भागवत : ९.४१.४२-४४ )*
*🔹पद्म पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित है ।*
*🔹ब्रह्मज्ञानी अपने सत्संगो में सामान्य प्रसूति के लिए रामबाण प्रयोग बताते हैं : “सामान्य प्रसूति में यदि कहीं बाधा जैसी लगे तो देशी गाय के गोबर का १०-१२ ग्राम ताजा रस निकालें, गुरुमंत्र का जप करके अथवा ‘नारायण…. नारायण…..’ जप करके गर्भवती महिला को पिला दें ।*
*🔹एक घंटे में प्रसूति नहीं हो तो फिर से पिला दें । सहजता से प्रसूति होगी । अगर प्रसव-पीड़ा समय पर शुरू नहीं हो रही हो तो गर्भिणी ‘जम्भला… जम्भला….’ मंत्र का जप करे और पीड़ा शुरू होने पर उसे गोबर का रस पिलायें तो सुखपूर्वक प्रसव होगा ।’*
*🔹सात प्रकार की पत्नियाँ🔹*
*🔸इसमें ३ प्रकार की स्त्रियाँ बुरी और अवांछनीय होती हैं ।*
*🔸इसमें से पहले प्रकार की स्त्रियाँ परेशान करनेवाली होती हैं । वे दुष्ट स्वभाववाली, क्रोधी व दयारहित होती हैं और साथ ही पति के प्रति वफादार नहीं होतीं, परपुरुषों में प्रीति रखती हैं ।*
*🔸दूसरी चोर की तरह होती हैं । वे अपने पति की सम्पदा को नष्ट करती रहती हैं या उसमें से अपने लिए चुराकर रखा करती हैं ।*
*🔸तीसरी क्रूर मालिक की तरह होती हैं । वे करुणारहित, आलसी व स्वार्थी होती हैं । वे हमेशा अपने पति व औरों को डॉटती रहती हैं ।*
*🔹अन्य ४ प्रकार की स्त्रियाँ अच्छी और प्रशंनीय होती हैं । वे अपने अच्छे आचरण से आसपास के लोगों को सुख पहुँचाने का प्रयास करती हैं ।*
*🔹(अपने परिवार के लोगों व अपने सम्पर्क में आनेवाले अन्य लोगों के साथ अपना व्यवहार कैसा होना चाहिए – यह जानने तथा अपने व्यवहार को मधुर बनाने हेतु पढ़ें सत्संग आधारित सत्साहित्य ‘मधुर व्यवहार’ व ‘प्रभु-रसमय जीवन’। ये सत्साहित्य आश्रम की समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं ।)*
*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*