आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 02 दिसम्बर 2023 दिन – शनिवार
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅मास – मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – पंचमी शाम 05:14 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – पुष्य शाम 06:54 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग – ब्रह्म रात्रि 08:19 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल – सुबह 09:47 से 11:08 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:04*
*⛅सूर्यास्त – 05:54*
*⛅दिशा शूल – पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:19 से 06:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:03 से 12:56 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आरती में कपूर का उपयोग क्यों ?🔹*

*🔸सनातन संस्कृति में पुरातन काल से आरती में कपूर जलाने की परम्परा है । आरती के बाद आरती के ऊपर हाथ घुमाकर अपनी आँखों पर लगाते हैं, जिससे दृष्टी -इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है । पूज्य बापूजी के सत्संग -वचनामृत में आता है : “आरती करते हैं तो कपूर जलाते हैं । कपूर वातावरण को शुद्ध करता है, पवित्र वातावरण की आभा पैदा करता है । घर में देव-दोष है, पितृ -दोष हैं, वास्तु -दोष हैं, भूत -पिशाच का दोष है या किसीको बुरे सपने आते हैं तो कपूर की ऊर्जा उन दोषों को नष्ट कर देती है ।*

*🔸बोलते हैं कि संध्या होती है तो दैत्य-राक्षस हमला करते हैं इसलिए शंख , घंट बजाना चाहिए, कपूर जलाना चाहिए, आरती-पूजा करनी चाहिए अर्थात संध्या के समय और सुबह के समय वातावरण में विशिष्ट एवं विभिन्न प्रकार के जीवाणु होते हैं जो श्वासोच्छवास के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करके हमारी जीवनरक्षक जीवनरक्षक कोशिकाओं से लड़ते हैं । तो देव-असुर संग्राम होता है, देव माने सात्त्विक कण और असुर माने तामसी कण । कपूर की सुगंधि से हानिकारक जीवाणु एवं विषाण रूपी राक्षस भाग जाते हैं ।*

*🔸वातावरण में जो अशुद्ध आभा है इससे तामसी अथवा निगुरे लोग जरा-जरा बात में खिन्न होते हैं, पीड़ित होते हैं लेकिन कपूर और आरती का उपयोग करनेवालों के घरों में ऐसे कीटाणुओं का, ऐसो हलकी आभा का प्रभाव नहीं टिक सकता है ।*

*🔸अत: घर में कभी-कभी कपूर जलाना चाहिए, गूगल का धूप करना चाहिए । कभी-कभी कपूर की १ – २ छोटी-छोटी गोली मसल के घर में छिटक देनी चाहिए । उसकी हवा से ऋणायान बनते हैं, जो हितकारी हैं । वर्तमान के माहौल में घर में दीया जलाना अथवा कपूर की कभी-कभी आरती कर लेना अच्छा है ।*

*🔹पुण्यदायी तिथियाँ व योग (भाग-२)🔹*
*👉 24 दिसम्बर – प्रदोष व्रत*
*👉 25 दिसम्बर – तुलसी पूजन दिवस, विश्वगुरु भारत कार्यक्रम (२५ दिसम्बर से १ जनवरी तक), महामना पं. मदनमोहन मालवीय जयंती (दि.अ.)*
*👉 26 दिसम्बर – मार्गशीर्ष पूर्णिमा, श्री दत्तात्रेय जयंती, जोरमेला (पंजाब)*
*👉 28 दिसम्बर – गुरुपुष्यामृत योग [रात्रि १-०५ (२९ दिसम्बर १-०५ AM) से २९ दिसम्बर सूर्योदय तक]*
*👉 30 दिसम्बर – संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय : रात्रि ९-०६), श्री रमण महर्षि जयंती (दि.अ.)*

*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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