🪷 रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2023 ❤️

भाई बहन के अटूट प्यार, पवित्रता, प्रतिज्ञा और रक्षा का प्रतीक रक्षाबंधन देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर उनकी रक्षा के लिए पवित्रता का धागा बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। वहीं भाई भी संबंधों में पवित्रता और बहन की रक्षा की प्रतिज्ञा करते हैं व उनकी रक्षा का वचन देते हुए उपहार भेंट करते हैं। पौराणिक काल से रक्षाबंधन का त्योहार प्रत्येक साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन को राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। ऐसे में लोगों में रक्षाबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति है।

*क्या कहता है पंचांग*

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त 2023 को प्रातः 10:59 मिनट से होगा और अगले दिन 31 अगस्त की सुबह 7.04 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। इसके बाद से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा।

30 अगस्त को प्रातः पूर्णिमा तिथि के आरंभ के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी जोकि रात्रि 09:02 तक रहेगी।
भद्रा होने की स्थिति में शास्त्रों में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है।
भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार “भद्रा” सूर्यदेव एवं छाया देवी की पुत्री और यमराज एवं शनि देव की बहन है। शनि देव की तरह इनका स्वभाव भी क्रोधी बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही ब्रह्मा जी ने उन्हें काल गणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग में विशिष्ट स्थान दिया है।
शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने का निषेध कहा गया है और इस दिन भद्रा का काल रात्रि 09:02 तक रहेगा। वहीं श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7.05 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इसलिए रात में भद्रा खत्म होने के बाद और 31 अगस्त को सुबह 7.07 बजे से पहले राखी बांधना ज्यादा उपयुक्त रहेगा।
पौराणिक मान्यता के अनुसार राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है, लेकिन यदि दोपहर के समय भद्रा काल हो तो फिर “प्रदोष काल” में राखी बांधना उत्तम और शुभ होता है।

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ – शाम 05:32 – शाम 06:32 तक

रक्षाबंधन भद्रा मुख – शाम 06:32 – रात 08:11 तक

रक्षाबंधन भद्रा का अंत – रात्रि 09:02 बजे

*राखी बांधने के लिए उत्तम एवं शुभ “प्रदोष काल” मुहूर्त – 30 अगस्त रात्रि 09:03 से – मध्यरात्रि 12:20 तक परन्तु लोक मान्यतानुसार रात्रि में राखी नहीं बांधनी चाहिए। सो बहुतायत लोग रात्रि में यह पर्व नहीं मनाते।*

*31 अगस्त को पूरे दिन है रक्षाबंधन का मुहूर्त*

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हमारे जीवन में सूर्य का बहुत बड़ा महत्व है। जन्मकुंडली में भी सूर्य को ही मुख्य मान कर गणना की जाती है। आचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा सावन पूर्णिमा की उदयातिथि में मनाना ही सही रहता है। इस साल सावन पूर्णिमा की उदयातिथि 31 अगस्त गुरुवार को है। ऐसे में रक्षाबंधन 31 अगस्त को ही मनाना शास्त्र सम्मत है।

*31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:55 से सुबह 07:05 तक है। यह रक्षाबंधन का मध्यम उत्तम मुहूर्त है।*

*उसके बाद आप सुबह 08:12 से शाम 05:42 के मध्य कभी भी राखी बांध सकते हैं। इस समय में रक्षाबंधन मनाने में कोई दोष नहीं होगा। यह रक्षाबंधन का सामान्य मुहूर्त है। पूर्णिमा की उदया तिथि होने के कारण सारा दिन पूर्णिमा की मान्यता ‌होगी। इस दिन सुकर्मा योग सुबह से शाम 05:16 तक है जो बहुत शुभ है।*

*ज्योतिषियों के मंथन से निष्कर्ष :*

*★ पहला : राखी बांधने के लिए उत्तम एवं शुभ प्रदोष काल मुहूर्त – 30 अगस्त रात्रि 09:03 से – मध्यरात्रि 12:20 तक*
(नोट: रात्रि भेद न मानते हों तो इस मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं)

*★ दूसरा : राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 05:55 से सुबह 07:05 तक है। यह रक्षाबंधन का मध्यम उत्तम मुहूर्त है।*

*★ तीसरा : आप सुबह 08:12 से शाम 05:42 के मध्य कभी भी राखी बांध सकते हैं। इस समय में रक्षाबंधन मनाने में कोई दोष नहीं होगा। यह रक्षाबंधन का सामान्य मुहूर्त है।*

*अतः आप उपरोक्त समय और सुविधा के अनुसार 30 अगस्त एवं 31 अगस्त दोनों ही दिनों में किसी भी शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का त्योहार मना सकते हैं।*

*💕भाई बहन के प्रेम, पवित्रता, प्रतिज्ञा, एक दूसरे की रक्षा के पावन पर्व रक्षाबंधन की आप सभी को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं,,🌹💐
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By नमोन्यूजनेशन

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