आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 ⛅ *दिनांक – 03 मई 2022* ⛅ *दिन – मंगलवार
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक – 03 मई 2022*
⛅ *दिन – मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*
⛅ *मास – वैशाख*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – तृतीया पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *नक्षत्र – रोहिणी 04 मई रात्रि 03:18 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
⛅ *योग – शोभन शाम 04:16 तक तत्पश्चात अतिगणड*
⛅ *राहुकाल – शाम 03:50 से शाम 05:27 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:8*
⛅ *सूर्यास्त – 19:03*
⛅ *दिशाशूल उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि आखा तीज बद्री- केदार यात्रा, जैन वर्षीतप पारणा, श्री परशुराम जयंती, श्री बसवेश्वर जयंती, तृतीया वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *अक्षय तृतीया* 🌷
➡ *03 मई 2022 मंगलवार को अक्षय तृतीया है ।*
🙏🏻 *’अक्षय’ शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप,ध्यान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं।*
🌷 *वैशाखे मासि राजेन्द्र! शुक्लपक्षे तृतीयिका। अक्षया सा तिथिः प्रोक्ता कृत्तिकारोहिणीयुता। तस्यां दानादिकं सर्व्वमक्षयं समुदाहृतमिति*
🙏🏻 *भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व, अध्याय 21 के अनुसार*
*वैशाखे मासि राजेन्द्र तृतीया चन्दनस्य च। वारिणा तुष्यते वेधा मोदकैर्भीम एव हि ।।*
*दानात्तु चन्दनस्येह कञ्जजो नात्र संशयः। यात्वेषा कुरुशार्दूल वैशाखे मासि वै तिथिः।।*
*तृतीया साऽक्षया लोके गीर्वाणैरभिनन्दिता। आगतेयं महाबाहो भूरि चन्द्रं वसुव्रता।।*
*कलधौतं तथान्नं च घृतं चापि विशेषतः। यद्यद्दत्तं त्वक्षयं स्यात्तेनेयमक्षया स्मृता।।*
*यत्किञ्चिद्दीयते दानं स्वल्पं वा यदि वा बहु। तत्सर्वमक्षयं स्याद्वै तेनेयमक्षया स्मृता।।*
*योऽस्यां ददाति करकन्वारिबीजसमन्वितान्। स याति पुरुषो वीर लोकं वै हेममालिनः।।*
*इत्येषा कथिता वीर तृतीया तिथिरुत्तमा। यामुपोष्य नरो राजन्नृद्धिं वृद्धिं श्रियं भजेत्।।*
🙏🏻 *वैशाख मास की तृतीया को चन्दनमिश्रित जल तथा मोदक के दान से ब्रह्मा तथा सभी देवता प्रसन्न होते हैं |*
🙏🏻 *देवताओं ने वैशाख मास की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा है | इस दिन अन्न-वस्त्र-भोजन-सुवर्ण और जल आदि का दान करनेसे अक्षय फल की प्राप्ति होती है | इसी तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह अक्षय हो जाता है और दान देनेवाले सूर्यलोक को प्राप्त करता है | इस तिथि को जो उपवास करता है वह ऋद्धि-वृद्धि और श्री से सम्पन्न हो जाता है |*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है*
*वैशाखे शुक्लपक्षे तु तृतीयायां तथैव च ।*
*गंगातोये नरः स्नात्वा मुच्यते सर्वकिल्बिषैः ।।*
🙏🏻 *वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता हैं | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पुरसे युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता हैं | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |*
🌷 *अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।*
*तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।*
*उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।*
*तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न*
➡ *अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथिपर किए गए दान व हवनका क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथिपर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌻🍀🌹🌼💐🌸🌺🙏🏻🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩