आज का हिन्दू पंचांग
⛅ *दिनांक – 23 दिसम्बर 2021*
⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – पौस (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष मास)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – चतुर्थी शाम 06:27 तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *नक्षत्र – अश्लेशा 24 दिसम्बर रात्रि 02:42 तक तत्पश्चात मघा*
⛅ *योग – वैधृति दोपहर 12:12 तक तत्पश्चात विष्कंभ*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 01:59 से शाम 03:21 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:13*
⛅ *सूर्यास्त – 18:02*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -*
💥 *विशेष – *चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *तुलसी को पानी अर्पण से पुण्य* 🌷
🌿 *अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए उसकी हवा से भी बहुत लाभ होते हैं और तुलसी को एक ग्लास पानी अर्पण करने से सवा मासा सुवर्ण दान का फल मिलता है।*
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🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *तुलसी पूजन विधि व तुलसी – नामाष्टक* 🌷
🌿 *तुलसी पूजन विधि* 🌿
🙏🏻 *25 दिसम्बर को सुबह स्नानादि के बाद घर के स्वच्छ स्थान पर तुलसी के गमले को जमीन से कुछ ऊँचे स्थान पर रखें | उसमें यह मंत्र बोलते हुए जल चढायें :*
🌷 *महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि हरा नित्यम् तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
🌿 *फिर ‘तुलस्यै नम:’ मंत्र बोलते हुए तिलक करें, अक्षत (चावल) व पुष्प अर्पित करें तथा वस्त्र व कुछ प्रसाद चढायें | दीपक जलाकर आरती करें और तुलसीजी की ७, ११, २१,५१ व १०८ परिक्रमा करें | उस शुद्ध वातावरण में शांत तुल के पास बैठकर प्राणायाम करने से बल, बुद्धि और ओज की वृद्धि होती है |*
🌿 *तुलसी – पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें | तुलसी के समीप रात्रि १२ बजे तक जागरण कर भजन, कीर्तन, सत्संग-श्रवण व जप करके भगवद-विश्रांति पायें | तुलसी – नामाष्टक का पाठ भी पुण्यदायक है | तुलसी – पूजन अपने नजदीकी आश्रम या तुलसी वन में अथवा यथा–अनुकूल किसी भी पवित्र स्थान में कर सकते हैं |*
🌷 *तुलसी – नामाष्टक* 🌷
*वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनी विश्वपूजिताम् |*
*पुष्पसारां नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनीम् ||*
*एतन्नामाष्टकं चैतत्स्तोत्रं नामार्थसंयुतम् |*
*य: पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ||*
🌿 *भगवान नारायण देवर्षि नारदजी से कहते हैं : “वृन्दा, वृन्दावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी – ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं | यह सार्थक नामावली स्तोत्र के रूप में परिणत है |*
🌿 *जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है | ( ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड :२२.३२-३३)*
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🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩

By नमोन्यूजनेशन

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