आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 04 सितम्बर 2023
दिन – सोमवार
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – पंचमी शाम 04:41 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – अश्विनी सुबह 09:26 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅योग – ध्रुव रात्रि 12:59 तक तत्पश्चात व्याघात*
*⛅राहु काल – सुबह 07:57 से 09:31 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:23*
*⛅सूर्यास्त – 06:55*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से 05:37 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:16 से 01:01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – नाग पंचमी (राजस्तान), माधवदेव तिथि (असम)*
*⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 जन्माष्टमी – 06/07 सितम्बर 2023 🌹*

*🔸इस साल जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी । दरअसल 6 सितम्बर को जन्माष्टमी दोपहर को शुरू हो रही है । इसलिए 6 सितम्बर को और 7 सितंबर को भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी । इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि रात में पड़ रही है । अष्टमी तिथि 06 सितम्बर 2023 को शाम 15:37 बजे शुरू होगी और 07 सितम्बर को शाम 4:14 बजे समाप्त होगी, इसलिए भक्त दोनों दिन जन्माष्टमी मना सकते हैं । कहते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इस बार भी रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा है । रोहिणी नक्षत्र 6 सितम्बर को जन्माष्टमी के दिन सुबह 09:20 बजे प्रारम्भ होगा और अगले दिन 7 सितम्बर को सुबह 10:25 पर समाप्त होगा ।*

*🔹जन्माष्टमी व्रत-उपवास की महिमा*

*🔸जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए, बड़ा लाभ होता है ।इससे सात जन्मों के पाप-ताप मिटते हैं ।*

*🔸जन्माष्टमी एक तो उत्सव है, दूसरा महान पर्व है, तीसरा महान व्रत-उपवास और पावन दिन भी है ।*

*🔸‘वायु पुराण’ में और कई ग्रंथों में जन्माष्टमी के दिन की महिमा लिखी है । ‘जो जन्माष्टमी की रात्रि को उत्सव के पहले अन्न खाता है, भोजन कर लेता है वह नराधम है’ – ऐसा भी लिखा है, और जो उपवास करता है, जप-ध्यान करके उत्सव मना के फिर खाता है, वह अपने कुल की 21 पीढ़ियाँ तार लेता है और वह मनुष्य परमात्मा को साकार रूप में अथवा निराकार तत्त्व में पाने में सक्षमता की तरफ बहुत आगे बढ़ जाता है । इसका मतलब यह नहीं कि व्रत की महिमा सुनकर मधुमेह वाले या कमजोर लोग भी पूरा व्रत रखें ।*

*🔸बालक, अति कमजोर तथा बूढ़े लोग अनुकूलता के अनुसार थोड़ा फल आदि खायें ।*

*🔸जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है ।*

*🔸उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है । जिसको क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का और अपने गुरु मंत्र का थोड़ा जप करने को भी मिल जाय, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती ।*

*🔸‘भविष्य पुराण’ के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है ।*

*🔹लौंग के गुणधर्म🔹*

*🔸मलक्का एवं अंबोय के देश में लौंग के झाड़ अधिक उत्पन्न होते हैं । लौंग का उपयोग मसालों एवं सुगंधित पदार्थों में अधिक होता है । लौंग का तेल भी निकाला जाता है ।*

*🔸लौंग लघु, कडुवा, चक्षुष्य, रूचिकर, तीक्ष्ण, पाककाल में मधुर, पाचक, स्निग्ध, अग्निदीपक, हृद्य, वृष्य और विशद है। यह वायु, पित्त, कफ, आँव, शूल, आनाहवायु (आफरा), खाँसी, हिचकी, वात दोष, विष, छाती में चाँदी, तृषा, पीनस, रक्तदोष तथा ऊर्ध्व वायु का नाश करता है । लौंग मुँख, आमाशय एवं आँतों में रहने वाले सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश करने एवं सड़न को रोकने के गुण हैं ।*

*🔹आत्महत्या कभी नहीं करना🔹*

*🔸आत्महत्यारे घोर नरकों में जाते हैं और हजारों नरक-यातनाएँ भोगकर फिर देहाती सूअरों की योनि में जन्म लेते हैं । इसलिए समझदार मनुष्य को कभी भूलकर भी आत्महत्या नही करनी चाहिए । आत्महत्यारों का न तो इस लोक में और न परलोक में ही कल्याण होता है ।*

*(स्कंद पुराण, काशी खंड, पूर्वार्द्धः 12.12,13)*

*🔸आत्महत्या करने वाला मनुष्य 60 हजार वर्षों तक अंधतामिस्र नरक में निवास करता है। (पाराशर स्मृतिः 4.1-2)*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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