आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 17 अगस्त 2023
दिन – गुरुवार
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – प्रतिपदा शाम 05:35 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – मघा रात्रि 07:58 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग – परिघ रात्रि 07:30 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल – दोपहर 02:20 से 03:57 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:17*
*⛅सूर्यास्त – 07:11*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:48 से 05:32 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:06 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – विष्णुपदी-सिंह संक्रांति, चन्द्र- दर्शन (शाम 07:11 से 07:57 तक)*
*⛅विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔸विष्णुपदी-सिंह संक्रांति – 17 अगस्त 2023🔸*

*🌹 पुण्यकाल : सुबह 06:51 से दोपहर 01:44 तक*

*🌹 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । (पद्म पुराण)*

*🔸बोधायन ऋषि प्रणित – दरिद्रतानाशक प्रयोग🔸*

*🌹२८ दिन ( ४ सप्ताह ) तक सफेद बछड़ेवाली सफेद गाय के दूध की खीर बनायें । खीर बनाते समय दूध को ज्यादा उबालना नहीं चाहिए । चावल पानी में पकायें, फिर दूध डालकर एक – दो उबाल दे दें । उस खीर का सूर्यनारायण को भोग लगायें ।*

*🌹 सूर्यनारायण का स्मरण करें और खीर को देखते – देखते संकल्प कर के एक हजार बार ‘ॐ’ कार का जप करें ।*
*ॐकार मंत्र:, गायत्री छंद: , भगवान नारायण ऋषि:, अन्तर्यामी परमात्मा देवता, अन्तर्यामी प्रीत्यर्थे, परमात्मप्राप्ति अर्थे जपे विनियोग: ।*

*🌹 इससे ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी, तेजस्विता बढ़ेगी तथा सात जन्मों की दरिद्रता दूर होकर सुख – सम्पदा की प्राप्ति होगी ।*

*🔹करेले के औषधीय प्रयोग🔹*

*🔸मधुमेह ( डायबिटीज ) : आधा किलो करेले काटकर १ तसले में ले के सुबह आधे घंटे तक पैरों से कुचलें । १५ दिन तक नियमित रूप से यह प्रयोग करने से रक्त – शर्करा (ब्लड शुगर) नियंत्रित हो जाती है । प्रयोग के दिनों में करेले की सब्जी खाना विशेष लाभप्रद है ।*

*🔹तिल्ली व यकृत वृद्धि🔹*

*🔸१] करेले का रस २० ग्राम, राई का चूर्ण ५ ग्राम, सेंधा नमक ३ ग्राम –  इन  सबको मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से तिल्ली व यकृत (लीवर ) वृद्धि में लाभ होता है ।*

*🔸२] आधा कप करेले के रस में आधा कप पानी व २ चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह – शाम पियें ।*

*🔸रक्ताल्पता : करेलों अथवा करेले के पत्तों का २ – २ चम्मच रस सुबह – शाम लेने से खून की कमी में लाभ होता हैं ।*

*🔸मासिक की समस्या : मासिक कम आने या नहीं आने की स्थिति में करेले का रस ४० मि. ली. दिन में २ बार लें । अधिक मासिक में करेले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔸गठिया : करेले या करेले के पत्तों का रस गर्म करके दर्द और सूजनवाले स्थान पर लगाने व करेले की सब्जी खाने से आराम मिलता हैं ।*

*🔸तलवों में जलन : पैर के तलवों में होनेवाली जलन में करेले का रस लगाने या करेला घिसने से लाभ होता हैं ।*

*🔸विशेष : करेले का रस खाली पेट पीना अधिक लाभप्रद हैं । बड़े करेले की अपेक्षा छोटा करेला अधिक गुणकारी होता हैं ।*

*🔹सावधानियाँ : जिन्हें आँव की तकलीफ हो, पाचनशक्ति कमजोर हो, मल के साथ रक्त आता हो, बार – बार मुँह में छाले पड़ते हों तथा जो दुर्बल प्रकृति के हों उन्हें करेले का सेवन नहीं करना चाहिए । करेले कार्तिक मास में वर्जित हैं ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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