आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 03 अगस्त 2023*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – अधिक श्रावण*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – द्वितीया रात्रि 08:05 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र – धनिष्ठा सुबह 09:56 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग – सौभाग्य सुबह 10:18 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल – दोपहर 02:24 से 04:03 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:11*
*⛅सूर्यास्त – 07:20*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:44 से 05:28 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मौन : शक्तिसंचय का महान स्रोत🔹*

*🔸मौन शब्द की संधि विच्छेद की जाय तो म+उ+न होता है । म = मन, उ = उत्कृष्ट और न =नकार। मन को संसार की ओर उत्कृष्ट न होने देना और परमात्मा के स्वरूप में लीन करना ही वास्तविक अर्थ में मौन कहा जाता है ।*

*🔸वाणी के संयम हेतु मौन अनिवार्य साधन है । मनु्ष्य अन्य इन्द्रियों के उपयोग से जैसे अपनी शक्ति खर्च करता है ऐसे ही बोलकर भी वह अपनी शक्ति का बहुत व्यय करता है ।*

*🔸मनुष्य वाणी के संयम द्वारा अपनी शक्तियों को विकसित कर सकता है । मौन से आंतरिक शक्तियों का बहुत विकास होता है । अपनी शक्ति को अपने भीतर संचित करने के लिए मौन धारण करने की आवश्यकता है । कहावत है कि न बोलने में नौ गुण ।*

*🔸ये नौ गुण इस प्रकार हैं । 1. किसी की निंदा नहीं होगी । 2. असत्य बोलने से बचेंगे । 3. किसी से वैर नहीं होगा । 4. किसी से क्षमा नहीं माँगनी पड़ेगी । 5. बाद में आपको पछताना नहीं पड़ेगा । 6. समय का दुरूपयोग नहीं होगा । 7. किसी कार्य का बंधन नहीं रहेगा । 8. अपने वास्तविक ज्ञान की रक्षा होगी । अपना अज्ञान मिटेगा । 9. अंतःकरण की शाँति भंग नहीं होगी ।*

*🔹मौन के विषय में महापुरूष कहते हैं ।*

*🔸सुषुप्त शक्तियों को विकसित करने का अमोघ साधन है मौन । योग्यता विकसित करने के लिए मौन जैसा सुगम साधन मैंने दूसरा कोई नहीं देखा ।*

*मौन रखने से आंतरिक शक्तियों का विकास होता है और मनोबल मजबूत होता है ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

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