*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 31 जुलाई 2023*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – अधिक श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – त्रयोदशी सुबह 07:26 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (क्षय तिथि)*
*⛅नक्षत्र – पूर्वाषाढ़ा शाम 06:58 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग – विष्कम्भ रात्रि 11:05 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल – सुबह 07:49 से 09:28 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:09*
*⛅सूर्यास्त – 07:23*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:43 से 05:27 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34/38)*

*🔹बहु-उपयोगी फिटकरी🔹*

*🔸फिटकरी एक उत्तम कोटि की पूतिरोधी (एन्टीसेप्टिक) है । इसमें कीटाणुओं का शमन करने की अद्वितीय क्षमता है । इसलिए दाढ़ी बनाने के बाद चेहरे पर फिटकरी घिसी जाती है । जो दाढ़ी-मूँछवाले सज्जन अपनी जेब को अनावश्यक रूप से खाली होने से बचाना चाहते हैं, महँगे व कृत्रिम विलेपनों (क्रीम्स) के उपयोग से बचना चाहते हैं, वे दाढ़ी बनाने के बाद फिटकरी के टुकड़े का उपयोग कर सकते हैं ।*

*🔸जलशोधन के लिए कारखानों में फिटकरी का उपयोग किया जाता है । इसे निर्मली भी कहते हैं । यह वायु की मलिनता को दूर करती है । घर के वातावरण में ऋणायन की शुद्धि करती है । निर्मली पानी के कीटाणुओं को नष्ट करती तथा मैल को हरती है ।*

*🔸इसके अलावा इसमें एक और दिव्य गुण है । यह सतत ऋणावेशित सूक्ष्मतर ऋणायन कण उत्सर्जित करती है, जो हमारे लिए लाभदायक अर्थात् धनात्मक ऊर्जा के कारक होते हैं ।*

*🔸जिस स्थान पर फिटकरी रखी होती है, वहाँ रोगों का आक्रमण आसानी से नहीं होता तथा मस्तिष्क प्रायः वैचारिक दृष्टि से स्वस्थ रहता है ।*

*🔸फिटकरी घर के वातावरण से उद्वेग को हरती है । अतः प्रत्येक कमरे के किसी भी कोने में ५० ग्राम फिटकरी का एक टुकड़ा अवश्य रखना चाहिए । इससे परिवार में व वहाँ आने-जानेवालों में प्रेम व सौहार्द बना रहता है ।*

*🔸किसी दुकान या प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर काले कपड़े में फिटकरी बाँधकर लटकाने से बरकत आती है । दक्षिण भारत में अधिकांशतः दुकानों के मुख्य द्वार पर फिटकरी बाँधने का रिवाज लम्बे समय से प्रचलित है । आप भी इसका लाभ उठाइये ।*

*🔸गौचंदन धूपबत्ती का धूप करना तथा कभी- कभी कपूरसहित आरती करना ऋणायनों को बढ़ाता है । आजकल के प्रदूषित वातावरण में अपने घर का वातावरण ऋणायनों से भरपूर रखना स्वास्थ्यवर्धक एवं अत्यावश्यक है ।*

*🔹कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु🔹*

*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*

*🔸पापप्रदायक दर्शन किसका ?🔸*

*🔹गौ और ब्राह्मण की हत्या करने वाले, कृतघ्न, कुटिल, देवमूर्तिनाशक, माता-पिता के हत्यारे, पापी, विश्वासघाती, झूठी गवाही देने वाले, अतिथि के साथ छल करने वाले, देवता तथा ब्राह्मण के धन का अपहरण करने वाले, पीपल का पेड़ काटने वाले, दुष्ट, भगवान शिव और भगवान विष्णु की निंदा करने वाले, दीक्षारहित, आचारहीन, संध्यारहित द्विज, देवता के चढ़ावे पर गुजारा करने वाले और बैल जोतने वाले ब्राह्मण को देखने से पाप लगता है । पति-पुत्र से रहित, कटी नाकवाली, देवता और ब्राह्मण की निंदा करने वाली, पतिभक्तिहीना, विष्णुभक्तिशून्या तथा व्यभिचारिणी स्त्री के दर्शन से भी पाप लगता है । सदा क्रोधी, जारज (परपुरुष से उत्पन्न संतान), चोर, मिथ्यावादी, शरणागत को यातना देने वाले, मांस चुराने वाले, सूदखोर द्विज और अगम्या स्त्री के साथ समागम करने वाले दुष्ट नराधम को भी देखने से पाप लगता है ।*

*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्णजन्म खंडः अध्याय 76 एवं 78)*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

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