*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 14 जुलाई 2023*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – द्वादशी शाम 07:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग – गण्ड सुबह 08:28 तक तत्पश्चात वॄद्धि*
*⛅राहु काल – सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:02*
*⛅सूर्यास्त – 07:28*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:38 से 05:20 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹जीवनशक्ति की रक्षा🔹*

*🔸आप कहीं जा रहे हैं और रास्ते में आपने मरा हुआ पशु देखा, किसीका वमन देखा अथवा मल मूत्रादि देखा तो उस समय आपके चित्त में ग्लानि होती है । इससे आपकी जीवनशक्ति कुछ अंश में क्षीण होती है ।*

*🔸उस समय क्या करें ? महापुरुषों ने बताया है कि ऐसे समय में सूर्यनारायण का स्मरण कर लो, उनकी ओर निहार लो, अग्नि, देव या मंदिर के शिखर के दर्शन कर लो, भगवन्नाम जप कर लो । ऐसा करने से क्षीण होनेवाली जीवनशक्ति बच जायेगी ।*

*🔹धन-लाभ के साथ पायें पुण्यलाभ व आरोग्य🔹*

*🔸व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :*

*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् ।* *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*

*🔸इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है । शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*

*🔹सूतक में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🔸जननाशौच (संतान-जन्म के समय लगने वाला अशौच-सूतक) के दौरान प्रसूतिका (माता) 40 दिन तक माला लेकर जप न करें एवं पिता 10 दिन तक ।*

*🔸मरणाशौच (मृत्यु के समय लगने वाला अशौच) में परिवार के सदस्य 13 दिन तक माला लेकर जप न करें ।*

*🔸जन्म एवं मरण – दोनों ही अशौच में शुद्धि होने के पश्चात ही माला से जप कर सकते हैं किंतु निःस्वार्थ, भगवत्प्रीत्यर्थमानसिक जप तो प्रत्येक अवस्था में किया जा सकता है और करना ही चाहिए ।*

*🔸जननाशौच (संतान-जन्म के समय लगने वाला अशौच-सूतक) के दौरान प्रसूतिका (माता) 40 दिन तक माला लेकर जप न करें एवं पिता 10 दिन तक ।*

*🔸मरणाशौच (मृत्यु के समय लगने वाला अशौच) में परिवार के सदस्य 13 दिन तक माला लेकर जप न करें ।*

*🔸जन्म एवं मरण – दोनों ही अशौच में शुद्धि होने के पश्चात ही माला से जप कर सकते हैं किंतु निःस्वार्थ, भगवत्प्रीत्यर्थमानसिक जप तो प्रत्येक अवस्था में किया जा सकता है और करना ही चाहिए ।*

*🔸रजस्वला स्त्री जब तक मासिक रजस्राव होता रहे तब तक माला जप न करे एवं मानसिक जप भी प्रणव (ॐ) के बिना करें ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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