आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 05 नवम्बर 2023*

दिन – रविवार

*⛅विक्रम संवत् – 2080*

*⛅शक संवत् – 1945*

*⛅अयन – दक्षिणायन*

*⛅ऋतु – हेमंत*

*⛅मास – कार्तिक*

*⛅पक्ष – कृष्ण*

*⛅तिथि – अष्टमी 06 नवम्बर प्रातः 03:18 तक तत्पश्चात नवमी*

*⛅नक्षत्र – पुष्य सुबह 10:29 तक तत्पश्चात अश्लेषा*

*⛅योग – शुभ दोपहर 01:37 तक तत्पश्चात शुक्ल*

*⛅राहु काल – शाम 04:35 से 06:00 तक*

*⛅सूर्योदय – 06:47*

*⛅सूर्यास्त – 06:00*

*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*

*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:04 से 05:55 तक*

*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:58 से 12:49 तक*

*⛅व्रत पर्व विवरण – कालाष्टमी, रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह 10:29 तक)*

*⛅विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹रविपुष्यामृत योग : 05 नवम्बर 2023🌹*

*पूण्य काल: सूर्योदय से सुबह 10:29 तक*

*🔸पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का रविवार के साथ का संयोग ” रविपुष्यामृत योग ” कहलाता है । ‘ सर्वसिद्धिकरः पुष्यः । ‘ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है ।*

 *🌹यह योग मंत्रसिद्धि और औषधि – प्रयोग के लिए विशेष फलदायी है ।*

*🌹इस योग में किया गया जप-ध्यान, दान-पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं । (शिव पुराण)*

*🔹आयुष्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, सम्पत्ति और कीर्ति बढ़ाने के लिए🔹*

*ॐ ह्रीं घृणि: सूर्य आदित्य: क्लीं ॐ*

*🔸सुख-सौभाग्य की वृद्धि करने एवं दुःख-दारिद्र्य को दूर करने के लिए तथा रोग व दोष के शमन के लिए इस प्रभावकारी मंत्र की साधना रविवार के दिन से करने चाहिए । रविवार को खुले आकाश के नीचे पूर्व की ओर मुख करके शुद्ध ऊन के आसन पर अथवा कुशासन पर बैठकर काले तिल, जौ, गूगल, कपूर और घी मिश्रित शाकल (हवन-सामग्री) तैयार करके आम की लकड़ियों से अग्नि को प्रदीप्त कर उपरोक्त मंत्र से १०८ आहुतियाँ दें । तत्पश्च्यात सिद्धासन लगाकर इसी मंत्र का १०८ बार जप करें । जप करते समय दोनों भौहों के मध्य भाग में भगवान सूर्य का ध्यान करते रहें । इस तरह ११ दिन तक करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है । इस साधना में रविवार का व्रत (बिना नमक का, तेलहीन भोजन सूर्यास्त से पहले दिन में एक ही बार करना अनिवार्य है ।)*

*🔸इसके बाद प्रतिदिन स्नान के बाद ताम्र-पात्र में जल भरकर उपरोक्त मंत्र से सूर्य को अर्घ्य दें । जमीन पर जल न गिरे इसलिए नीचे दूसरा ताम्र-पात्र रखें । तत्पश्च्यात इस मंत्र का १०८ बार जप करें । मात्र इतना करने से आयुष्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, सम्पत्ति और कीर्ति उत्तरोत्तर बढती हैं ।*

*🌹कैसे बदलें दुर्भाग्य को सौभाग्य में ?🌹*

*🔸बरगद (बड़) के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें । -लोक कल्याण सेतु पत्रिका*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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