आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 17 सितम्बर 2023         दिन – रविवार

*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – भाद्रपद*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वितीया सुबह 11:08 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र – हस्त सुबह 10:02 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग – ब्रह्म 18 सितम्बर प्रातः 04:28 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल – शाम 05:10 से 06:42 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:27*
*⛅सूर्यास्त – 06:42*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:40 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:11 से 12:58 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – श्री वराह जयन्ती, विश्वकर्मा पूजा, षडशीति-कन्या संक्रांति (पुण्यकाल दोपहर 01:43 से सूर्यास्त तक)*
*⛅विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹षडशीति-कन्या-संक्रांति : 17 सितम्बर 2023 🌹*

*🌹पुण्यकाल : दोपहर 01:43 से सूर्यास्त तक*

*🌹षडशीति संक्रांति में किये गए जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल 86000 हजार गुना होता है । -पद्म पुराण*

*🌹वराह जयंती – 17 सितम्बर 2023🌹*

*🌹वराह जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है । यह अवतार भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है । भगवान विष्णु ने यह अवतार सतयुग में लिया था । ऐसा माना जाता है कि हिरण्याक्ष नामक दैत्य का संहार करने हेतु भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया था ।*

*🌹विश्वकर्मा पूजा – 17 सितम्बर 2023🌹*

*🌹इस दिन भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र विश्वकर्मा का जन्म हुआ था । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने इस संसार की रचना की थी तो उन्होंने इसको सजाने और संवारने का काम विश्वकर्मा जी को ही सौंपा था ।*

*🌹विश्वकर्मा जी ही इस संसार के पहले शिल्पकार और बढ़ई थे । इसी कारण इन्हें वास्तुकला का भगवान भी कहा जाता है । विश्वकर्मा जयंती कि खास बात ये है कि ये त्यौहार घरों में नहीं बल्कि दफ्तरों, कार्यस्थलों और व्यावसायिक स्थानों पर पूजा कर मनाया जाता है ।*

*🌹भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से इंजीनियर, बढ़ई, वेल्डर और मिस्त्री जैसे व्यवसाय से जुड़े लोगों को कुशलता हासिल होती है । साथ ही उनके जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है ।*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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