आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 20 अगस्त 2023 दिन – रविवार
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्थी रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र – हस्त 21 अगस्त प्रातः 04:22 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग – साध्य रात्रि 09:59 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल – शाम 05:32 से 07:08 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:18*
*⛅सूर्यास्त – 07:08*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:49 से 05:33 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:21 से 01:05 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी*
*⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹विनायक चतुर्थी – 20 अगस्त 2023🔹*

*🔸विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है । गणेश जी की पूजा सुख, शांति और धन प्राप्ति के लिए की जाती है। भविष्य पुराण में भी कहा गया है । कि विनायक चतुर्थी का व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, विद्या, धन तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*

*🔹औषधीय गुणों से भरपूर व विविध रोगों में लाभदायी तोरई🔹*

*🔸तोरई पथ्यकर (स्वास्थ्य के लिए हितकर), औषधीय गुणों से युक्त व स्वादिष्ट सब्जी है । आयुर्वेद के अनुसार यह स्निग्ध, शीतल, भूखवर्धक, मल-मूत्र को साफ़ लाने में सहायक व कृमिनाशक होती है । यह पित्त-विकृति को दूर करती है फिर भी कफवर्धक नहीं है । उष्ण प्रकृतिवालों के लिए एवं पित्तजन्य व्याधियों तथा सुजाक, बवासीर, पेशाब में खून आना, बुखार एवं बुखार के बाद आयी हुई कमजोरी, कृमि, अरुचि, पीलिया आदि में यह विशेष पथ्यकर है । यह शरीर में तरावट लाती है तथा रोगों से बचाती है ।*

*🔸आधुनिक अनुसंधान के अनुसार तोरई में विटामिन ‘बी’ व ‘सी’ एवं मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस , जिंक, लौह तत्त्व, रेशे, बीटा केरोटिन और थायमीन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । तोरई शुक्रधातु की क्षीणता से दुर्बल हुए व्यक्ति, श्रमजीवी व बालकों को विशेष शक्ति प्रदान करनेवाली है । इसका सेवन कम-से कम मसाले डालकर सब्जी, सूप बना के अथवा दाल के साथ पका के हफ्ते में २-३ बार करना चाहिए ।*

*🔸इसमें जीवाणुरोधी गुण पायें जाते हैं । इसका आहार में समावेश करने से आमाशय-अल्सर से रक्षा होती है यह हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है ।*

*🔹तोरई के सेवन से होनेवाले लाभ🔹*

*🔸१) इसमें पाया जानेवाला बीटा केरोटिन नेत्रज्योति बढ़ाने में सहायक है ।*

*🔸२) यह रक्तशुद्धि करने तथा यकृत के स्वास्थ्य को सुधारने में भी फायदेमंद है ।*

*🔸३) तोरई में रेशे होने के कारण जिन लोगों को पाचनतंत्र के विकार रहते हों उनके लिए इसका सेवन अधिक लाभप्रद है । जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती हो उन्हें शाम के भोजन में तोरई की रसदार सब्जी खानी चाहिए । पाचन में सुधार होने के कारण तोरई के सेवन से त्वचा में निखार आता है ।*

*🔸४) घी में जीरे का छौंक लगाकर धनिया डाल के बनायीं गयी तोरई की सब्जी खाने से नकसीर, रक्तपित्त, बवासीर तथा शरीर व पेशाब में होनेवाली जलन में लाभ होता है ।*

*🔸५) तोरई शराब व नशे के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करती है ।*

*🔸६) इसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल व कैलोरी कम होने के कारण यह वजन कम करने तथा ह्रदयरोग व मधुमेह में लाभदायी है ।*

*🔸७) पेट के कीड़े नष्ट करने के लिए तोरई की सब्जी नियमित खायें अथवा तोरई को पानी में उबालकर सूप बनायें व उसमें नमक मिला के दिन में दो बार लें ।*

*🔹सावधानी : पेचिश, मंदाग्नि, बार-बार मल प्रवृत्ति की समस्या में तोरई का सेवन नही करना चाहिए । पुरानी सख्त तोरई नहीं खानी चाहिए ।*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

By नमोन्यूजनेशन

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