मल मास कैसे बना पुरषोत्तम मास 🪷*
*अधिक मास कंहा से आया*

 

सत्ययुग में राक्षसराज हिरण्यकश्यप ने मृत्यु से अपने हर संभव बचाव हेतु ब्रह्मा जी से तमाम वर माँगे थे—

कि.. “मैं धरती पे ना मरूँ, आकाश में ना मरूँ! दिन में ना मरूँ, रात में ना मरूँ! अंदर ना मरूँ, बाहर ना मरूँ! अस्त्र से ना मरूँ, शस्त्र से ना मरूँ, नर से ना मरूँ, पशु से ना मरूँ!”…

तब उसने साथ ही यह वर भी माँग लिया था, कि “मैं बारहों महीनों में से किसी महीने में ना मरूँ!” तब भगवान ने उसे मारने हेतु 13वाँ महीना बनाया था!

उधर ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार हिन्दू कैलेंडर के सूर्य-वर्ष (365 दिन) और चंद्र-वर्ष (354) में 11 दिन के अंतर को पाटने के उद्देश्य से लगभग हर 3 वर्ष में एक नया तेरहवाँ महीना प्रकट हो जाता है, जिसे “अधिक मास” कहते हैं!

इस माह में सूर्य की संक्रांति ना पड़ने के कारण इसमें समस्त लौकिक पुण्य कर्म वर्जित थे, जिसके कारण इसका नाम “मल मास” पड़ गया था (मल का अर्थ होता है—गंदा, मैला, त्याज्य)!इसका कोई स्वामी भी नहीं था..

जिसके कारण ये रोते-रोते भगवान विष्णु के पास गया उन्होंने इसकी व्यथा समझते हुए इससे कहा,”जिसका कोई नहीं होता, उसका मैं होता हूँ! अब तू मेरी शरण में आ गया है, तो तुझे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं! मैं तुझे अपनाकर आज से अपना नाम देता हूँ! आज से तू ‘पुरुषोत्तम-मास’ कहलायेगा और तेरे गुण—तेरी महिमा सब मेरे जैसी होगी! तेरी अवधि में जो भी भक्तिभाव से मेरी आराधना करेगा, उसके सारे मनोरथ मैं पूर्ण करूँगा!”

इसलिए सभी विवेकी लोग इस विशेष मास की प्रतीक्षा करते रहते हैं, कि ये कब आएगा!?!अबकी बार ये आज 18 जुलाई से 16 अगस्त तक चलेगा! इसमें किया गया कोई भी आध्यात्मिक कार्य (पूजा, पाठ, भक्ति, जप-तप, योग, ध्यान, सेवा, दान आदि) 108 गुना बढ़कर फल देता है! यह मास हर व्यक्ति के लिए तन-मन से पवित्र होने और अपनी चेतना को ऊर्ध्वगामी बनाने का समय है! इस दौरान की गई साधना से समस्त कुंडली दोषों का भी निराकरण हो जाता है!

तो मेरा आप सबसे निवेदन है कि इस दुर्लभ स्वर्णिम अवसर को बिल्कुल भी हाथ से ना जाने दें!कई साँसारिक अभागों को तो पता भी नहीं चलता, कि ये परम पवित्र मास कब आया और कब गया!?!…आपके भक्तिमार्ग में कोई बाधा हो अथवा आपका जो भी काम कहीं भी अटक रहा हो, तो इस एक महीने में साधना करके परिणाम देखें!🙏🏻🚩🚩🚩🙏🏻

By नमोन्यूजनेशन

देश सेवा हिच ईश्वर सेवा

error: Content is protected !!