श्रेष्ठ प्रधानमंत्री
गर्व की बात है कि अपनी जनता को कोरोना से बचाने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री शहर दर शहर वैक्सीन सेंटरों में घूम रहे हैं ,,,
एक ही कोशिश कि मेरे देश का एक एक व्यक्ति सौ वर्ष जिए , कोरोना हारे, मेरा देश आगे बढ़े ,,,
यकीन मानिए , जीत हमारी होगी , वैज्ञानिकों की होगी , जीवन शक्ति की होगी , देश के अरमानों की होगी !
ऐसा प्रधानमंत्री ?
जब चंद्रयान पहुंच रहा हो तो इसरो पहुंच जाए ,,,
जब दुश्मन मुकाबिल हो तो लद्दाख पहुँच जाए ,,,
जब पाकिस्तानी गोले बरसाए तो लद्दाख पहुंच जाए ,,,
जब शिलान्यास होना हो तो अयोध्या पहुँच जाए ,,,
और जब लड़ाई चीनी वायरस से हो तो एक ही दिन में अहमदाबाद , हैदराबाद तथा पुणे की वैक्सीन प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाए ?
कोरोना सारे संसार में है । परंतु कोई भी राष्ट्राध्यक्ष इस तरह जीवन की तलाश में जुटा हुआ नहीं है । यह सारी मशक्कत हौसला अफजाई के लिए है । प्रधानमंत्री न तो सैनिक हैं , न स्पेस इंजीनियर और न डॉक्टर । लेकिन नेता का इस तरह जूझना सारे देशवासियों को राष्ट्र का मकसद समझा देता है ।
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